'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के पोपटलाल के पात्र पर ये कविता लिखी...
मुजे मेरी जिंदगीकी वो हँसी सजा दो,
कैसे भी करके मेरी शादी करा दो,
दुनिया मेरी ये सपनोसे सजा दो,
कैसे भी करके मेरी शादी करा दो.
गोरी या काली हो, चालाक या भोली हो,
नाजुक कली और थोड़ी नखरेवाली हो,
मुजको एक प्यारी सी परी से मिला दो,
कैसे भी करके मेरी शादी करा दो.
गुजराती, पंजाबी या कोई राजस्थानी हो,
लडकी चाहे वो देशी या परदेशी हो,
मेरी सोई हुई तकदीर को जगा दो,
कैसे भी करके मेरी शादी करा दो.
पोपट को मैना से कौए को कोयलसे,
घोड़े को गधी से कोई तो मिला दो,
'आनंद' इस पोपट को उल्लु बना दो,
कैसे भी करके मेरी शादी करा दो.