બુધવાર, 15 મે, 2013

क्या लडकी भाई क्या लडकी !

मेघ जैसे रंगवाली
पवन उमंगवाली
भीडमे भी वो निराली
क्या लडकी भाई क्या लडकी !

देखनेमे वो सयानी,
पर दिलसे वो भोलीभाली,
जैसे फुलो भरी डाली
क्या लडकी भाई क्या लडकी !

रातमे वो रातरानी
सुबह गुलाब कली
हर वक्त लगती सुहानी
क्या लडकी भाई क्या लडकी !

ज़रनोका जैसे पानी
गीतामे कुरानबानी
पर दिलसे दिवानी
क्या लडकी भाई क्या लडकी !

करे सिर्फ मनमानी
लगे मुजे मेरी नानी
'आनंद' की वो कहानी
क्या लडकी भाई क्या लडकी !