શુક્રવાર, 17 મે, 2013

नकली

रोना है नकली, हसना भी नकली,
यहाँ पर हर चीज़ मिलती है नकली.

बाग है नकली, बहार भी नकली,
भगवानको फुलोका हार भी नकली.

दर्द है नकली, दुआ भी नकली,
भिखारीको दिया दान है नकली.

मौसम है नकली, सनम भी नकली,
उसकी खाई हुई हर कसम है नकली.

इंतज़ार है नकली, ऐतबार भी नकली,
हरबार तेरे आने का एहसास है नकली.

सुबह है नकली, शाम भी नकली,
शाकिने पिलाया वो जाम है नकली.

गज़ल है नकली, गीतभी तो नकली,
'आनंद' छोड़ दे अब सारे ख़याल नकली.